पोस्टर वार: मंत्री विजय शाह के खिलाफ रतलाम में लगे पोस्टर...लिखा-देश की बेटी का अपमान नही सहेगा हिन्दुस्तान

पोस्टर वार: मंत्री विजय शाह के खिलाफ रतलाम में लगे पोस्टर...लिखा-देश की बेटी का अपमान नही सहेगा हिन्दुस्तान

रतलाम। आपरेशन सिंदुर के दौरान भारतीय सेना का चेहरा रही कर्न सोफिया को लेकर  दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद एक तरफ जहा प्रदेश और देश में मध्यप्रदेश के केबिनेट मंत्री विजय शाह की किरकिरी हो रही है वहीं रतलाम जिले में भी मंत्री का लगातार विरोध हो रहा है। एक दिन पहले युवा कांग्रेस ने  केबिनेट के साथ-साथ रतलाम के भी प्रभारी मंत्री विजय शाह को रतलाम आने पर कड़ा विरोध झेलने के लिए तैयार रहने को कहा तो दूसरी तरफ कल किसी ने रतलाम मे जगह-जगह रतलाम में मंत्री विजय शाह के खिलाफ पोस्टर लगवा दिए।
इन पोस्टरों में मंत्री को ‘देशद्रोही’ बताया गया है। साथ ही लिखा गया है- देश की बेटी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। कुछ पोस्टरों में मंत्री का फोटो उलटे कमल के निशान के साथ लगाया गया है और नीचे मेटर लिखा गया है। पोस्टर सामने आने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में हडक़ंप मच गया और कुछ जगह से पोस्टर हटाए भी गए। पोस्टर्स पर ‘गौरव पोरवाल, डेलनपुर’ नाम लिखा है, जो इन्हें लगाने का दावा कर रहे हैं। बताया जा रहा है, प्रशासन और भाजपा नेताओं को इसकी जानकारी मिलते ही कई स्थानों से देर रात पोस्टर हटवा दिए गए। इस बीच, गौरव पोरवाल का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वे विजय शाह को भाजपा का दो कौड़ी का मंत्री बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

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-इधर उलटी गंगा... सैलाना विधायक डोडियार शाह के समर्थन में आए, बोले-आदिवासी हैं इसलिए टारगेट किया जा रहा
एक तरफ जहा विजय शाह का विरोध हो रहा है और उनकी ही पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। इसकी संभावनाए बन रही है तो वही दूसरी तरफ मंत्री विजय शाह के समर्थन में अब रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा से भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार भी आ गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा, मुश्किल से किसी आदिवासी व्यक्ति को मंत्री बनने का मौका मिलता है। विजय शाह एक अनुभवी नेता हैं। पार्टी और विचारधारा अपनी जगह है, लेकिन हम श्री शाह का समर्थन करते हैं। उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे आदिवासी हैं।
विधायक डोडियार के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना भी हो रही है। कई यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करते हुए कहा कि ऐसे विवादित बयान देने वाले मंत्री का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वह आदिवासी हों या गैर-आदिवासी।