कांग्रेसियों के हल्लाबोल से बाजार बैठक वसूली में बदलाव, सडक़ पर बैठने वालों से शुल्क नही लेगा निगम,हंगामेदार रहा बजट सत्र, कांग्रेसी पार्षद वॉकआउट कर गए, लेकिन सत्तापक्ष ने बहुमत के आधार पर पास किया बजट

रतलाम। शनिवार को नगर निगम द्वारा प्रस्तुत बजट पर चर्चा के लिए आयोजित सम्मेलन हंगामेदार रहा। कांग्रेस पार्षदों ने संपत्तिकर में बढ़ोतरी और बाजार शुल्क शुरू करने के मुद्दे पर हंगामा किया और अध्यक्ष की आसंदी के सामने धरना प्रदर्शन किया। बाद में सदन से वाकआउट कर गए। कांग्रेस पार्षदों की गैर मौजूदगी में सत्ता पक्ष के पार्षदों ने बजट पर चर्चा की और उसे बहुमत के आधार पर पारित किया।
बजट पर चर्चा के लिए आयोजित सम्मेलन की शुरुआत में ही कांग्रेस पक्ष के पार्षदो ने संपत्ति कर बढ़ाने और बाजार शुल्क शुरू करने का विरोध करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के पार्षद अध्यक्ष की आसंदी के सामने आ गए। उनके हाथ में सब्जियां भी थी। कांग्रेस पार्षद अध्यक्ष की आसंदी के सामने ही धरने पर बैठ गए।
कांग्रेस पार्षदों के धरना प्रदर्शन के दौरान महापौर प्रहलाद पटेल ने संपत्ति कर वृद्धि और बाजार शुल्क को लेकर स्थिति स्पष्ट करना चाही, लेकिन कांग्रेस पार्षदों ने नारेबाजी चालू रखी। निगम अध्यक्ष श्रीमती मनीषा मनोज शर्मा ने कांग्रेस पार्षदों से इन मुद्दो पर सदन में चर्चा कराने की बात कही। महापौर के संबोधन के दौरान कांग्रेस पार्षद सदन से वाक आउट कर गए। महापौर ने इस दौरान सभी मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट की।
कांग्रेस पार्षदों की गैर मौजूदगी में ही सदन में बजट पर चर्चा हुई। भाजपा पार्षदों ने बजट के विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी। बाद में बहुमत के आधार पर बजट को पारित कर दिया गया।
बजट सत्र के दौरान महापौर प्रहलाद पटेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि उन पर चुनाव में किए गए वादे से धोखाधड़ी के जो आरोप लगे हैं, वह असत्य है। वह अभी भी अपने वायदे पर कायम है।
उन्होंने कहा कि बाजार शुल्क पूरे प्रदेश में लागू है लेकिन रतलाम एकमात्र शहर है, जहां अभी तक बाजार शुल्क बंद है। शासन के निर्देश है कि बाजार शुल्क का निर्धारण किया जाए। शुल्क का निर्धारण नहीं होने की वजह से पूर्व में भी विकास कार्यों के लिए आने वाला पैसा रुक गया है। यदि अभी भी शुल्क निर्धारण नहीं हुआ तो 15वें वित्त आयोग से रतलाम नगर निगम को मिलने वाले पैसा रुक जाएगा।
महापौर ने कहा कि अभी भी सडक़ पर बैठकर व्यापार करने वाले छोटे गरीब व्यापारियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। जो व्यक्ति सडक़ पर ज्यादा जगह घेर कर व्यापार कर रहा है उससे ही निर्धारित शुल्क लिया जाएगा।
संपत्तिकर वृद्धि के मामले भी में भी महापौर ने कहा कि विपक्ष द्वारा 5 साल का कर वसूलने का भ्रम फैलाया जा रहा है जबकि ऐसा नहीं है। पूर्व में रतलाम में 60 हजार संपत्ति करदाता थे।
जीआईएस सर्वे में यह संख्या 82 हजार से अधिक पहुंच गई है। जिन लोगों ने बिना अनुमति के अधिक निर्माण कर लिया है उनसे 1 वर्ष का शुल्क और पांच प्रतिशत पेनल्टी ली जा रही है। जबकि नियम अनुसार निर्माण अनुमति के दिन से पेनल्टी लेने का प्रावधान है। शासन के निर्देश के अनुसार ही संपत्ति कर में 10त्न की वृद्धि की गई है। जो पैसा नगर निगम को प्राप्त होगा वह शहर के विकास में लगेगा।
कांग्रेस ने भी किया प्रदर्शन
सम्मेलन के पूर्व निगम गेट पर शहर कांग्रेस द्वारा भी संपत्ति कर में वृद्धि और बाजार शुल्क को लेकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कांग्रेस पार्षदों के साथ ही कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब तक बढ़ा हुआ संपत्ति कर और बाजार शुल्क का फैसला वापस नहीं लिया जाता, उनका विरोध जारी रहेगा।