महाराणा प्रताप के जन्मोत्सव पर निकलेगी शौर्य यात्रा - राजपूत समाज द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार से किया जाएगा दुग्धा अभिषेक

रतलाम : वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के 485वें जन्मोत्सव पर 29 मई को शाम चार बजे शौर्य यात्रा महलवाड़ा परिसर से निकाली जाएगी। इसके एक दिन पूर्व महाराणा प्रताप चौक स्थित श्री महाराणा प्रताप की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार से दूध और पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा।
कार्यक्रम को लेकर अमृत सागर स्थित श्री चारभुजा नाथ राजपूत समाज धर्मशाला में श्री महाराणा प्रताप जन्मोत्सव समिति व समस्त राजपूत संगठन की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि 28 मई को सुबह आठ बजे महाराणा प्रताप की प्रतिमा का पंडित गोपाल सावरा द्वारा वैदिक मंत्रोउच्चार से दूध व पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। 29 मई को शाम चार बजे राजमहल परिसर में राजराजेश्वरी नागणेचा माता, राजराजेश्वरी पद्मावती माता हाथी खाना, जागनाथ महादेव मंदिर व अमृत सागर स्थित श्री चारभुजा नाथ मंदिर पर पूजा-अर्चना कर माता को चुनरी अर्पण की जाएगी। रतलाम के संस्थापक महाराजा रतनसिंह राठौर, महाराजा सज्जनसिंह राठौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जाकर महलवाड़ा से जय महाराणा, जय भवानी, जय शिवाजी के उद्घोष के साथ यात्रा शुरू होगी, जो महलवाड़ा से प्रारंभ होकर महाराजा रतनसिंह चौराहा, नगर निगम, कालेज रोड, नाहरपुरा, डालूमोदी बाजार, माणकचौक, घास बाजार, चौमुखी पुल, चांदनी चौक, तोपखाना, गणेश देवरी, रानीजी का मंदिर, शहीद चौक, गायत्री टाकीज़ मार्ग से होते हुए महाराणा प्रताप चौक सैलाना बस स्टैंड पहुंचकर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर समाज के वरिष्ठ द्वारा माल्यार्पण किया जाएगा। साथ ही जोरदार आतिशबाजी की जाएगी।
यह रहेंगे आकर्षण का केंद्र
शौर्य यात्रा में सर्वप्रथम प्रचार रथ, उसके पीछे बुलेट पर तिरंगा और भगवा ध्वज लेकर युवा चलेंगे। इसके पीछे घुड़सवार, बैंड, क्षत्रिय सरदार, दुर्गा वाहिनी और चार रथ रहेंगे। 250 से अधिक समिति सदस्यों की टीम शौर्य यात्रा का मोर्चा संभालेगी। इसमें पार्किंग से लेकर यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी भी रहेगी। यात्रा में 300 से अधिक बालिका केसरिया साफा धारण कर शामिल होंगी। समिति द्वारा सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपकर अलग-अलग व्यवस्था के प्रभारी बनाए गए। इसमें युवा जय भवानी, जय शिवाजी, जय महाराणा के उद्घोष के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। नरेंद्रसिंह चौहान ने बताया कि यात्रा में चार रथ रहेगी। इसमें सर्वप्रथम महाराणा प्रताप, महाराज रतनसिंह, छत्रपति शिवाजी व महाराजा छत्रसाल बुंदेला का चित्र रहेगा। यात्रा में क्षत्राणिया पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगी। बैठक में विशेष रूप से विजयसिंह हारो?, विजयसिंह चौहान, दिलीपसिंह सोनगरा, वीरेंद्रसिंह राठौर, निखिलेशसिंह पंवार, नरसिंह गोयल, वीरेंद्रसिंह खंगारोत, रामसिंह मौर्य, दुलेसिंह चौहान, जितेंद्रसिंह सोलंकी, आशीषसिंह चौहान, वीरेंद्रसिंह डोडिया, युवराजसिंह राठौर, अमनसिंह चंद्रावत, मयंकसिंह राठौर, हर्षवर्धनसिंह चौहान, अरविंदसिंह चौहान, हेमंतसिंह भाटी, जया गोयल, श्वेता चौहान, पूर्णिमा चौहान, रेखा सिसोदिया, स्नेहलता हरोड़, वैशाली सोनगरा आदि मौजूद रहे।