राजस्थान मेगा ट्रेड फेयर के नाम पर नगर निगम में लाखों का घोटाला, लाखों की जमीन कौड़ियों के दाम किराए पर देदी, जिम्मेदार अधिकारी झाड़ रहे पल्ला,

रतलाम। रतलाम नगर निगम की भ्रष्ट कार्यशैली और घोटालों की फेहरिस्त में एक और बड़ा घोटाला जुड़ गया है। इस बार निगम के अफसरों ने राजस्थान मेगा ट्रेड फेयर के संचालक अशोक जैन से सांठगांठ कर नगर निगम के राजस्व को 72 लाख रुपए से अधिक का चूना लगाया है। आंबेडकर ग्राउंड में आयोजित राजस्थान मेगा ट्रेड फेयर को 10 हजार स्क्वेयर फीट जमीन की अनुमति दी गई थी, लेकिन मेला संचालक ने मनमानी करते हुए पूरे 1 लाख 30 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर कब्जा कर मेला लगा लिया।
चौंकाने वाली बात यह है कि नगर निगम ने सिर्फ 10 हजार स्क्वेयर फीट के लिए 2 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट प्रतिदिन के हिसाब से 30 दिनों का मात्र 6 लाख 6 हजार रुपए का शुल्क वसूल कर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान ली। जबकि वास्तविक कब्जा की गई जमीन का किराया 2 लाख 60 हजार प्रतिदिन बनता है, यानी एक महीने में निगम को 78 लाख रुपए का राजस्व मिलना था। इस प्रकार निगम को सीधे-सीधे 72 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, और यह सब कुछ जिम्मेदारों की मिलीभगत के बिना मुमकिन नहीं।
जब इस मामले में मेला संचालक अशोक जैन से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने अस्पताल में होने की बात कहकर कुछ भी कहने से मना कर दिया। वहीं इस संबध में नगर निगम के राजस्व अधिकारी करूनेश दंडोतिया ने मामले की जानकारी न होने की बात कहकर सवालों से पल्ला झाड़ लिया।
जनता की आंखों में धूल झोंक किया भ्रष्टाचार
सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले के पीछे लाखों रुपए की 'ऊपरी लेन-देन' हुई है। बताया जा रहा है कि निगम के एक व्यक्ति विशेष ने इस अवैध कब्जे की मंजूरी दिलवाने के लिए मेला संचालक से 20 लाख रुपए की वसूली की है। इसके बदले मेला संचालक ने नियमों को ताक पर रखकर 1.30 लाख स्क्वेयर फीट पर मेला लगाया और करीब 52 लाख रुपए की बचत कर ली।
इस घोटाले से यह साफ है कि रतलाम नगर निगम में भ्रष्टाचार ने गहरे जड़ें जमा ली हैं। इससे पहले भी निगम पर भूखंड विक्रय, मानसून पूर्व कुएं और बावड़ियों की दस्तावजे में सफाई और स्वास्थ्य विभाग में मस्टर के नाम पर लाखों की हेराफेरी के गंभीर आरोप हैं। अब राजस्थान मेगा ट्रेड फेयर का यह प्रकरण निगम की गिरती साख और गहराते भ्रष्टाचार का एक और प्रमाण बनकर सामने आया है।